भारत देश की स्वतंत्र की लड़ाई में कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दे दिया, परंतु ऐसे लोगों के बारे में बहुत ही कम पढ़ाया जाता है. क्रांतिकारियों के बलिदान को तो जैसे हम और यह देश भुला ही बैठा है. अगर गलती से किसी पाठ्यपुस्तक में पढ़ने को मिल भी गया, तो बस चंद पंक्तियों में उसे खत्म कर दिया जाता है. वहीं कांग्रेस के नेताओं के बारे में बड़े बड़े लेख लिखे जाते है. भले ही उन नेताओं का हर एक आंदोलन निष्फल क्यों न हुआ हो? कई ऐसे भी क्रन्तिकारी है, जिनके बारे में आज भी देश नहीं जनता. क्रांतिकारियों ने देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया, परंतु उन्हें आज भी आतंकवादी कह कर ही बुलाया जाता है. देश की स्वतंत्रता के बाद उन्हें जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह सम्मान तक उन्हें नहीं मिला और उनके द्वारा किये कार्यों को खास महत्व नहीं दिया गया. ऐसे ही कई घटनाओं में से एक है, रेल में जा रहे सरकारी खजाने को लूटने का, जिसे हम काकोरी कांड के नाम से जानते है. काकोरी कांड के बाद पूरी अंग्रेज सल्तनत हिल गई थी, क्योंकि यह सीधा अंग्रेजों के साथ टक्कर था. परंतु इसे उतना महत्व नहीं दिया गया जितना देना चाहिए था. आज ह
भारत देश के इतिहास, क्रन्तिकारी, सेना, समाज, धर्म, राजनीती, नेता, जनता इत्यादि विषयों पर अपने विचार और अर्धसत्य का सम्पूर्ण सत्य सामने रखने की क्रांति.