भारत वर्ष का इतिहास विश्व के प्राचीनतम इतिहासों में से एक है. कल तक जो भारत के इतिहास को केवल 3000 वर्ष प्राचीन ही मानते थे, वो हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की संस्कृति के अवशेष मिलने के बाद अब इसे प्राचीनतम मानाने लगे है. पुरातत्व विभाग को अब उत्तर प्रदेश के सिनौली में मिले नए अवशेषों से यह सिद्ध होता है कि मोहनजोदड़ो के समान्तर में एक और सभ्यता भी उस समय अस्तित्व में था. यह सभ्यता योद्धाओं का था क्योंकि अवशेषों में ऐसे अवशेष मिले है, जो योद्धाओं के द्वारा ही उपयोग किया जाता था, जैसे तलवार रथ. इस खोज की एक विशेषता यह भी है कि यहाँ पर ऐसे भी अवशेष मिले है, जो नारी योद्धाओं के है. इस से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस संस्कृति में नारी योद्धा भी रही होंगी. भारतीय संस्कृति और इतिहास में नारियों का विशेष स्थान रहा है. परन्तु हम आज झाँसी की रानी, रानी दुर्गावती और रानी अवन्तिबाई तक ही सिमित रह गए है. इनके अलावा और भी कई और महान योद्धा स्त्रियाँ हुई है भारत के इतिहास में. जैसे रानी अब्बक्का चौटा और कश्मीर की चुड़ैल रानी और लंगड़ी रानी के नाम से विख्यात रानी दिद्दा. आज हम कश्मीर की रानी दिद्दा के बारे म...
भारत देश के इतिहास, क्रन्तिकारी, सेना, समाज, धर्म, राजनीती, नेता, जनता इत्यादि विषयों पर अपने विचार और अर्धसत्य का सम्पूर्ण सत्य सामने रखने की क्रांति.