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Showing posts with the label अपराध

बलात्कार के लिए केवल फाँसी

यत्र नारी पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता। सनातन धर्म के उपासक इस श्लोक से बहुत ही अच्छे से परिचित होंगे ही और जो इस से परिचित नहीं है, उनके लिए इसका अनुवाद कर देता हूँ. इस श्लोक का अर्थ है, "जहाँ नारी को पूजा जाता है, वहाँ देवता रहते है." परन्तु आज के भारत में क्या वाकई ऐसा हो रहा है? क्या यहाँ नारियों को पूजा जा रहा है? क्या यहाँ नारियों का सम्मान किया जा रहा है? आज दुष्कर्म, उसे लेकर समाज की सोच, नेताओं की निष्क्रियता और एक विशेष समूह के दोहरे चरित्र के बारे में चर्चा करेंगे, को काफी चिंता जनक है. दुष्कर्म के आंकड़े 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत वर्ष में हर 16 मिनट में एक लड़की की अस्मिता को रौंधा जाता है. मैं इसे एक दिन के हिसाब से गिनती करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा हूँ. यह आँकड़ा भारत वर्ष के संस्कृति के मुँह पर तमाचा है. परन्तु पीड़िता और उसके परिवार के अलावा इस से आज किसी को कुछ ज्यादा फर्क पड़ता हो ऐसा लगता नहीं है. आज ही मौजूदा स्थिति यह है कि छोटी बच्ची से लेकर उम्र दराज महिला तक कोई सुरक्षित नहीं है. रोजाना कही न कही दुष्कर्म के केस सामने आते हैं. ऐसे बहुत मामले भी ह...

करीम लाला: मुंबई अंडरवर्ल्ड का जन्मदाता

अपराध की दुनिया को अंडरवर्ल्ड के नाम से जाना जाता है. भारत में अंडरवर्ल्ड का गढ़ मुंबई को कहा जाता है. इसी वजह से अंडरवर्ल्ड को मुंबई अंडरवर्ल्ड के नाम से भी जाना जाता है. मुंबई अंडरवर्ल्ड का नाम सामने आते ही कुछ चेहरे आँखों के सामने तैरने लगते है. जैसे मस्तान मिर्जा उर्फ हाजी मस्तान ,  वरदराजन मुदालियर   उर्फ वर्धा भाई, अरुण गवली उर्फ डैडी, दाऊद इब्राहिम और अब्दुल करीम शेर खान. मुंबई अंडरवर्ल्ड का इतिहास भारत की स्वतंत्रता से पहले यानि करीब 1940 से मौजूद है. मुंबई में अंडरवर्ल्ड का पहले नामोनिशान नहीं था. मुंबई अंडरवर्ल्ड को बनाने का और आर्गनाइज्ड क्राइम की दुनिया को शुरू करने का श्रेय जाता है, अब्दुल करीम शेर खान को, जिसे करीम लाला के नाम से जाना जाता है. वही करीम लाला, जिसने कभी आज के मुंबई अंडरवर्ल्ड के

मिशन किल दाऊद और दाऊद पर हुए जानलेवा हमले

पिछले लेख में हमने मुंबई अंडरवर्ल्ड के सबसे बदनाम और क्रूर डॉन दाऊद इब्राहिम कासकर के उदय के बारे में देखा. आज हम बात करेंगे उस पर हुए कुछ जानलेवा हमलों के बारे में. दाऊद पर तब भी हमले हुए थे, जब दाऊद डी कंपनी का सीईओ नहीं बना था. उसके भाई सबिर इब्राहिम की हत्या करने के बाद, हत्यारे दाऊद को मारने डोंगरी तक पहुँच चुके थे, परंतु दाऊद के बॉडीगॉर्ड ने उसे बचा लिया. उसके बाद दाऊद पर हमला किया था, गुजरात का दाऊद इब्राहिम कहलाने वाले अब्दुल लतीफ ने. दाऊद उस हमले में भी बाल बाल बच गया था. मुंबई अंडरवर्ल्ड का सर्वेसर्वा बनने के बाद भी, समय समय पर दाऊद को मारने की कोशिश की गई है. परंतु उनका दुर्भाग्य कहे या दाऊद की किस्मत, वह हमेशा बच जाता था. आइए देखते है ऐसे ही कुछ मुख्य कोशिशों के बारे में. अशरफ खान "सपना दीदी" दाऊद को मारने की सबसे पहली और सबसे ज्यादा कामयाब कोशिश अशरफ खान ने किया था, जिसे सपना दीदी के नाम से भी जाना जाता था. दरअसल अशरफ खान का पति महमूद कालिया दाऊद के लिए ही काम करता था. परंतु दाऊद ने उसे मरवा दिया था. अशरफ अपने पति के मौत की वजह से पूरी तरह से टूट चुकी थी. वह कानू...

दाऊद इब्राहिम: मुंबई अंडरवर्ल्ड का सबसे बदनाम और क्रूर डॉन

इस से पहले के तीन लेखों में हमने मुंबई अंडरवर्ल्ड के जन्मदाता करीम लाला , पहले हिन्दू डॉन वरदराजन मुदालियर और मुंबई अंडरवर्ल्ड के सबसे शरीफ डॉन हाजी मस्तान के उत्थान और उनके पतन के बारे में पढ़ा. आज हम बाद करेंगे, मुंबई अंडरवर्ल्ड के इतिहास सबसे बदनाम और क्रूर डॉन के बारे में, जिसने डॉन शब्द की परिभाषा को ही बदल दिया. जहाँ पहले के तीनों डॉन एक तरह से रॉबिनहुड की अपनी छवि को बनाये हुए थे, वही इस डॉन ने पहले के सभी डॉन के बनाये नियम तोड़ दिए और गरीब साधारण जनता भी इसके नाम से खौफ खाने लगी. इसके आने से मुंबई अंडरवर्ल्ड में गैंगवॉर, पुलिस एनकाउंटर जैसी नई चीजें शुरू हुई. इस खुनी खेल में मुंबई की सड़के लाल होने लगी और इस खुनी खेल का तांडव मुंबई की शरहद लाँघ कर गुजरात के अहमदाबाद तक पहुँच चूका था. हम बात कर रहे हैं एक ईमानदार पुलिस कांस्टेबल के अपराधी बेटे, दाऊद इब्राहिम कासकर के बारे में. इसके उदय और इसके मुंबई छोड़ने के बारे में हम बहुत ही संक्षिप्त में बात करेंगे. प्रारंभिक जीवन दाऊद इब्राहिम का जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के खेड़ में 26 दिसंबर 1955 के दिन हुआ था. उसके बाद यह मुंबई...

हाजी मस्तान: मुंबई अंडरवर्ल्ड का सबसे शरीफ डॉन

मुंबई अंडरवर्ल्ड के पिछले दो लेखों में हमने दो डॉन, करीम लाला , जिसने मुंबई अंडरवर्ल्ड की स्थापना किया और वरदराजन मुदालियर , मुंबई अंडरवर्ल्ड का पहला हिन्दू डॉन, के बारे में पढ़ा. आज हम बात करने वाले है मुंबई के ऐसे डॉन की, जो इन दोनों डॉन से ज्यादा पैसे वाला था, इन दोनों डॉन से ज्यादा पहुँच रखता था. एक ऐसे डॉन की जिसने अपराध को उसूलों के साथ ऐसा मथा कि ये लोगों के बीच एक गैंगस्टर नहीं, बल्कि उनका मसीहा बनकर उभरा. एक ऐसे डॉन की, जिसका कहा ही उस समय का अलिखित कानून माना जाता था. एक ऐसे डॉन की, जिसने खुद वरदराजन मुदालियर को एक डॉन बनाया था और तीनों डॉन के बीच में मुंबई का बँटवारा किया था. एक ऐसे डॉन की, जिसने मुंबई को अपनी माशूका कहा और एक माशूका के जैसा उसका ख्याल भी रखा. कभी मुंबई को गन्दा नहीं किया. एक ऐसे डॉन की, जिसने बॉलीवुड और राजनीति को नए नए नियम दिए. एक ऐसे डॉन की, जिसके जैसा राज और उसका समय वापस लाने की कामना करते हुए खुद पुलिस के बड़े अधिकारी कहते है कि अगर यह तय है कि मुंबई से अंडरवर्ल्ड को खत्म नहीं किया जा सकता, तो हमें हाजी मस्तान जैसा डॉन और उसी का समय वापस चाहिए....

वरदराजन मुदालियर: मुंबई अंडरवर्ल्ड का पहला हिन्दू डॉन

मुंबई अंडरवर्ल्ड के पिछले भाग में हमने पढ़ा था,  करीम लाला  के बारे में, जिसने मुंबई अंडरवर्ल्ड को बनाया. आज हम बात करेंगे मुंबई अंडरवर्ल्ड के उस डॉन के बारे में, जिसे शायद सबसे काम आंका गया और इसी वजह से उसके बारे में ज्यादा बात नहीं होता. इसका शायद एक बड़ा कारण यही रहा है कि इस डॉन का दाऊद इब्राहिम से कोई खास लेना देना नहीं था. अंडरवर्ल्ड के उन्ही डॉन के बारे ज्यादा पढ़ा और लिखा जाता है, जिनका दाऊद इब्राहिम से कोई रिश्ता रहा हो. जैसे करीम लाला, जिसके पठान गैंग के साथ दाऊद इब्राहिम की दुश्मनी थी और हाजी मस्तान, जिसके गैंग में रह कर दाऊद ने सभी काम सीखा था. शायद यही कारण रहा है इस डॉन के उपेक्षित रहने का. हम बात कर रहे है मुंबई अंडरवर्ल्ड के पहले हिन्दू डॉन के बारे में, जिसका नाम है वरदराजन मुनिस्वामी मुदालियर. आइए देखते है  इसके बारे में. प्रारंभिक जीवन वरदराजन मुदालियर का जन्म मद्रास प्रेसिडेंसी के तूतीकोरन (आज का थूटुकुडी, तमिलनाडु) में 1 मार्च 1926 में हुआ था. उसका परिवार आर्थिक रूप से संपन्न नहीं था. तूतीकोरन में ही उसकी प्रारम्भिक शिक्षा हुआ. उसके बाद म...

उत्तरप्रदेश: अपराधियों का गढ़

अगर याद हो तो एक फिल्म आई थी, उत्तर प्रदेश की पृष्टभूमि पर आधारित "बुलेट राजा". जिसमें उत्तर प्रदेश के एक क्षेत्रीय नेता अपना निहित स्वार्थ सिद्ध करने के लिए दो गुंडे पालते है. जिन्हे राजनैतिक रक्षक का नाम दिया गया. यही उत्तर प्रदेश की कहानी है. आज विकास दुबे ने 8 पुलिस वालों को मार दिया और यह बात मीडिया में आ गई. इसी वजह से आज विकास दुबे के पीछे पुरे उप्र की पुलिस पड़ गई है. वरना विकास दुबे पर पहले से भी हत्या के अपराधिक मामले दर्ज है और सिर्फ विकास दुबे ही एक मात्र अपराधी नहीं है, जो खुला घूम रहा हो. ऐसे कई और है, जिन्हे या तो राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है या फिर खुद किसी पार्टी से जुड़े हुए है. कुछ ऐसे भी है, जिसने पूरा उत्तर प्रदेश कांपता था. देखते है ऐसे ही कुछ दबंग बाहुबलियों के बारे में. मुख़्तार अंसारी भारत देश के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी   का भतीजा,  6 फुट 2 इंच का लम्बा कद, गहरी लम्बी मूंछे. यह पहचान है दबंग बाहुबली मुख्तार अंसारी की. बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती ने जिसे गरीबों का मसीहा बताया अपनी पार्टी का टिकट दिया था. इस तरह से एक जुर्म की दुनिया ...

अब्दुल लतीफ गुजरात का दाऊद

अंडरवर्ल्ड और बॉलीवुड का गहरा रिश्ता है. इस रिश्ते की शुरुआत किया था मुंबई के पहले और सबसे साफ सुथरे डॉन कहे जाने वाले हाजी मस्तान मिर्जा ने. 70 की दशक ने हाजी मस्तान में बॉलीवुड में फिल्मो पर पैसा लगाना शुरू किया. तभी से अंडरवर्ल्ड के किरदारों पर आधारित फिल्मे बनने लगी. ऐसी फिल्मों के शायद सबसे पहली फिल्म थी अमिताभ बच्चन की जंजीर, जिसमें प्राण का किरदार शेरखान उस समय के डॉन करीम लाला उर्फ अब्दुल करीम शेर खान पर आधारित था. हाजी मस्तान के जाने के बाद जब दाऊद अंडरवर्ल्ड का डॉन बना, तब उसने बॉलीवुड के साथ अंडरवर्ल्ड के रिश्तों और नियमों को पूरी तरह से बदल दिया. पहले जहा बॉलीवुड के फिल्मों में पैसे लगाए जाते थे, वही अब निर्माता, निर्देशक और फिल्मी सितारों से फिरौती माँगना शुरू हुआ. पैसा नहीं देने पर हत्याएँ भी हुई. यह तक की अंडरवर्ल्ड की मदद से फिल्मों में काम मिलना काम छीनना तक शुरू हुआ. इसके बाद शुरू हुआ बॉलीवुड का इस्लामी करन. तरह तरह की फिल्में बना कर मुसलमानों को अच्छा दिखाने की कोशिश करने लगे. अब्दुल के जीवन पर आधारित फिल्में तो बनी, परंतु वो फिल्में AJP अब्दुल कलाम पर या अब्दुल हामि...