गणेश चतुर्थी के पावन मौके पर भगवन गणेश को समर्पित को मेरी कविता.
भगवान गणेश आप सब की मनोकामना पूरी करें.
हे गणपति हे गणनायक,
दीन दुखियों के तुम हो सहायक.
हे लम्बोदर हे विघ्नहर्ता,
तू संग है तो डर भी है डरता.
हे रिद्धि हे सिद्धि के स्वामी,
तू सर्वव्यापी अंतर्यामी.
हे वक्रतुण्ड हे गजानन,
मन करता तेरा ही चिंतन.
हे सुखकर्ता हे दुःखहर्ता,
इस सृष्टि के कर्ता धर्ता.
हे एकदन्त हे पिताम्बर,
तू एक सत्य और सब नश्वर.
हे नंदना हे गणेश,
हर लो सभी के कष्ट क्लेश.
हे मंगलमूर्ति हे मृत्युंजय,
हम सब करते तेरी जय जय.
जय हिन्द
वंदेमातरम
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