गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर एक कविता Skip to main content

गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर एक कविता

गणेश चतुर्थी के पावन मौके पर भगवन गणेश को समर्पित को मेरी कविता.
भगवान गणेश आप सब की मनोकामना पूरी करें.

हे गणपति हे गणनायक,
दीन दुखियों के तुम हो सहायक.
हे लम्बोदर हे विघ्नहर्ता,
तू संग है तो डर भी है डरता.
हे रिद्धि हे सिद्धि के स्वामी,
तू सर्वव्यापी अंतर्यामी.
हे वक्रतुण्ड हे गजानन,
मन करता तेरा ही चिंतन.
हे सुखकर्ता हे दुःखहर्ता,
इस सृष्टि के कर्ता धर्ता.
हे एकदन्त हे पिताम्बर,
तू एक सत्य और सब नश्वर.
हे नंदना हे गणेश,
हर लो सभी के कष्ट क्लेश.
हे मंगलमूर्ति हे मृत्युंजय,
हम सब करते तेरी जय जय.

जय हिन्द
वंदेमातरम

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