भारत देश में आज की परिस्थिति ऐसी है कि कुछ बुद्धिजीवी, सेक्युलर और पता नहीं क्या क्या, किसी कुकुरमुत्ते की तरह हर जगह निकल रहे है. कल तक जो एक पार्टी विशेष के सत्ता में होने पर किसी शुतुरमुर्ग की तरह जमीं में सर घुसाए बैठे थे, वो आज सभी अपने अपने सर बहार निकाल कर लोकतंत्र की दुहाई देकर जहर ही उगल रहे है. सत्ता पक्ष का विरोध करने के लिए यह लोग देश विरोध करने तक उतारू हो चुके है और कर रहे है. इसके पीछे इनका उद्देश्य चाहे जो हो, परंतु यह बहुत खतरनाक है. खतरनाक इस वजह से नहीं है क्योंकि वे विरोध कर रहे है. खतरनाक इस वजह से क्योंकि किसी राजनैतिक दल का विरोध करने के चक्कर वे सभी देश विरोध करने लगे है और उसके लिए तथ्यों को या तो तोड़ मरोड़ कर रख रहे है. या फिर आधे अधूरे तथ्य इस तरह से रख रहे है. जिससे कुछ न होते हुए भी मन में शंका उत्पन्न हो जाए. इसमें नेता से लेकर, बॉलीवुड से जुड़े लोग, गायक, लेखक, झूठे इतिहासकार, खुद को सच्चा पत्रकार कहने वाले और धर्म के जुड़े लोग शामिल है. वो गद्दार है और रहेंगे. उनसे मुझे कुछ लेना देना नहीं है. मैंने यह कविता देशभक्तों के लिए लिखा है. उनसे मुझे जो कहना है, मैंने इस कविता में कहा है. इसे पढ़े अगर पसंद आए तो Like, Comment, Share और The Puratchi Blog Subscribe करें.
कविता का शीर्षक है,
देशभक्तों के नाम संदेश
वो हर एक सच को मोड़ेंगे.
वो दिन कभी नहीं आएगा,
जब वो गद्दारी को छोड़ोगे.
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